Motivational Stories जो हर व्यक्ति को जरूर पढ़नी चाहिए 2020

इन तीन लोगों की सच्ची कहानी आपको बहुत कुछ सीखा देगी।


 पहली कहानी -  कई सालो तक मेहनत और बहुत सारे पैसे खर्च करने के बाद बल्ब अविश्कार थॉमस एडिसन  ने एक बहुत बड़ी प्रयोगशाला खोली जिसे बनाने में उनकी 60 साल से अधिक की  मेहनत और बहुत से पैसे लगे  . 
एक अचनाक उनकी प्रयोगशाला में आग लग गई और उनकी बरसो की  मेहनत और उनके बहुत से प्रयोग उनके सामने जल कर राख हो गए, आग बुझने के बाद एक  रिपोर्टर ने उनसे पूछा  सर  अब आप क्या करेंगे आपके   साथ बहुत बुरा हुआ.





एडिसन मुस्कुराये  उन्होंने कहा बुरा क्या हुआ ? मेरी बरसो गलतिया जल कर राख हो गयी. रिपोटर ने कहा सर अब् आप क्या करेंगे - एडिसन  ने जवाब दिया  अब कल से नई प्रयोगशाला की तैयारी शुरू।
उसके कुछ ही सालो बाद एडिसन ने लाइट बल्ब का अविष्कार किया।  


दूसरी कहानी - दोस्तों एक व्यक्ति जो गांव में रहता था एक दिन उसकी पत्नी गिर गई और रास्ते में एक बहुत बड़े पहाड़ होने की वजह से वो  सही वक्त पर अस्पताल नहीं पहुँच पाई और उसकी मौत हो गई। उस आदमी को इतना गुस्सा आया की उसने छीनी और हथौड़ी की मदद से  22 साल में 55 किलोमीटर का पहाड़ तोड़ दिया  इस व्यक्ति को  आज दुनिया दसरथ मांझी के नाम से जानती है  और इस व्यक्ति के प्यार को लोग शाहजांह के बनवाये ताज महल से भी  बढ़ कर  मानते है और जब तक ये दुनिया रहेगी लोग दसरथ मांझी को नहीं भूलेंगे।  







- तीसरी कहानी - कैकई ने राजा दशरथ से 2 वर मांगे थे - पहला भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास और दूसरा भारत को राज तिलक,जब राजा दशरथ से ये 2 वर मांगे गए तो राजा दशरथ सदमे में नीचे गिर पड़े अब कैकयी ने मंत्रियो से कहा राम को बुला कर लाओ. 






अगले ही दिन राम को राज तिलक होने वाला था।  जब राम आये तो उन्होंने अपने पिता राजा दशरथ को जमीन पर गिरा पाया तो उन्होने कहा आपकी ये दशा किसने की , आपको क्या हुआ ,तब कैकयी ने कहा  तुम्हारे पिता धर्मसंकट में फसे हुए है  उनकी समस्या तुम ही दूर कर सकते हो।  कैकयी ने बताया मैंने इनसे 2 वर मांगे थे - तुम्हारा 14 साल का वनवास और भरत का राज तिलक। और अब तुम्हारे पिता ऐसा नहीं चाहते। 
भगवान श्री राम ने कहा बस इतनी सी बात ?  मैं 14 साल वनवास के लिए  तैयार हूँ। 


हमको क्या  सीखना चाहिए ?

दोस्तों अगर थॉमस एडिसन प्रयोगशाला जलने के बाद हार मान लेते और अपने प्रयोग बंद कर देते तो आज भी हम सब अँधेरे में बैठे होते।  

अगर  दसरथ मांझी अपनी पत्नी की मौत को अपना कर चुप बैठे जाते तो आज दुनिया उन्हें नहीं जान पाती।  

अगर  भगवान श्री राम  मना कर देते की मैं राजा ही बनूँगा मैं जंगल नहीं जाऊँगा तो भगवान श्री राम ,श्री राम नहीं बनते।  समस्या सबके जीवन में आती है आप उस समस्या को किस तरीके से फेस करते हो वही तय करता है की आप जीवन में कितने सफल होने वाले है। 

कोई छोड़ कर चला गया , आप किसी काम में या किसी एग्जाम में फ़ैल हो गए , किसी की मौत हो गई या आपकी परिस्थीति आज ठीक नहीं है , आप गरीब हो तो उदास मत होइए ऐसे ख़राब टाइम में हिम्मत दिखाने वाला व्यक्ति ही इतिहास रचता है।  

आज ख़राब परिस्थिति में भी अपने आप से एक ही शब्द कहो मैं हमेशा ऐसा नहीं रहने वाला मैं मेहनत करूँगा और अपने हालात बदल कर दिखाऊंगा।  याद रखना यदि ख़राब situation से उठ कर आप आगे आओगे तो दुनिया आपको सलाम करेगी। 












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